शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2015

होली खेलें कन्हाई फगुनवा में।।

होली खेलें कन्हाई फगुनवा में।
होली खेलें कन्हाई फगुनवा में।।

नंद बबा खेलें घर के दुअरिया
नंद बबा खेलें घर के दुअरिया
मईया जसोमति ओसारे ओसारे
मईया जसोमति ओसारे ओसारे

राधा जी खेलें अंगनवा में,
होली खेलें कन्हाई फगुनवा में।।

केहू त हरियर पियर भै केहू
केहू त हरियर पियर भै केहू 
लाल भै गईया मकर भै बछरू 
लाल भै गईया मकर भै बछरू 

गोकुल भै श्याम रंगनवा में, 
होली खेलें कन्हाई फगुनवा में।। 

रसिया में झूमें बिरज बरसाने
रसिया में झूमें बिरज बरसाने
मोहन सुनाय रहे बंशी की तानें 
मोहन सुनाय रहे बंशी की तानें 

मचि गईली धूम भवनवा में, 
होली खेलें कन्हाई फगुनवा में।।

होली खेलें कन्हाई फगुनवा में।।
होली खेलें कन्हाई फगुनवा में।।


















सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

तेरे ही नाम से काफिर

गुजरती शाम छत पे चाँद आहिस्ता उतरता है
तेरी यादों के जंगल में कहीं चंदन महकता है ।
कहाँ ले जायेगी ये इश्क की दीवानगी हमको
बरसते बादलो की प्यास दरिया कब समझता है।
कभी पतझड़ सा होता है कभी मधुमास बन जाता
तेरी झुकती हुयी पलकों से मौसम रुख बदलता है।
मिटाकर के सियाही रात की सूरज निकालेगा
इसी उम्मीद में कोई दिया बुझ बुझ के जलता है।
कयामत को हमारा हाल क्या होगा पता फिर भी
तेरे ही नाम से काफिर ये पागल दिल धडकता है।